n बासना और प्यार एक ही चीज के दो पहलू है
जब तक इंसान बासना को प्यार समझता है
वो प्यार को नहीं समझ सकता
और जब वो प्यार को समझ जाता है तो बासना को भूल जाता है
जब तक इंसान बासना को प्यार समझता है
वो प्यार को नहीं समझ सकता
और जब वो प्यार को समझ जाता है तो बासना को भूल जाता है
n धोखा देने वाला खुद नहीं जनता
कि वो किसे धोखा दे रहा है
कि वो किसे धोखा दे रहा है
n जब इन्सान अपाहिज हो जाता है
तो वह दुनिया पर बोझ बन जाता है
उसी समय अपने और पराये का पता चलता है,
तो वह दुनिया पर बोझ बन जाता है
उसी समय अपने और पराये का पता चलता है,
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